हिमालय में स्वयं को खोजिए
हिमालय आदि काल से ही अन्वेषण,अनुसंधान,ज्ञान,विज्ञान,ध्यान चिंतन के साथ सृजन की धरती रही है।आस्था आध्यात्म से रहस्य रोमांच तक हिमालय जिज्ञासाओं के निवारण के साथ साथ समाधान की और ले जाता है।
मनुष्य जिज्ञासु है, खोजी है सूचनाओं के संकलन में जितना समय हम लगाते हैं उसमे यदि स्वयं को जानने के लिए भी कुछ समय दें तो जीवन सुख शांति और समृद्धि की ओर नैसर्गिक रूप से अग्रसर होगा।
वर्तमान परिदृश्य में पूरा जन मानस अस्थिर तथा विचलित स्वयं को पाता है।कारण यह है कि बाहरी सभी सांसारिक गतिविधियों के बारे में तो हम सजग हैं किन्तु मन को जानने समझने का समय नहीं निकाल पाते। यही कारण रहा होगा कि हमारे ऋषि मुनियों ,चिंतकों,साधकों ने अपनी तन और मन की शांति के लिए हिमालय को सदैव एक प्रयोगशाला के रूप में पाया जहां उन्हें सुख शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करने में सदैव सहायता मिली। ये क्रम सदियों सदियों से निरंतर हिमालय की ओर गतिमान है, तो आइए स्वयं को जानने के लिए हिमालय के आस्था आध्यात से रहस्य रोमांच तक हिमालय की विशिष्टताओं को जानने का प्रयास करे यहीं प्रयास हमे स्वयं को जानने का अवसर देगा,ये अवसर सुख शांति और समृद्धि की ओर हमे लेे जाने में सदैव सहयोग प्रदान करेगा||