इस गांव में है जल संरक्षण का सलीका
By Sair Saleeka - Mar 1, 2024 258 Views
उत्तराखण्ड के गांव की जब हम बात करते हैं तो सबसे पहले जो बात दिमाग में आती है वह है गांव की ताजी हवा और पानी। दूर धारों से गांव की माताएं व बहनें शीतल जल लिए घर पहुंचती हैं। यहॉ का पानी किसी अमृत से कम नहीं माना जाता। आज के समय में जहॉ शहरों में तरह—तरह के फिल्टर वाटर प्यूरिफायर का उपयोग करने के बाद भी पानी में अशुद्धियां बनी रहती हैं, वहीं गांव में पानी प्रकृति के बीच खुले आसमान के नीचे निरंतर बहता चला जाता है। अपनी यात्रा के दौरान जब हम कर्णप्रयाग रानीखेत मार्ग में चांदपुर गढ़ के समीप तोप गांव पहुंचे तो यहॉ मौजूद इस प्रचानी जलाधारा को नजरअंदाज नहीं कर सके। इसे देखकर गांव की याद आ गई। इसे मंदिर के रूप में सुसज्जित और संरक्षित किया गया है। इस पर लगे पत्थरों पर भव्य नक्काशी की गई है। यह है उत्तराखण्ड के समृद्ध जल संरक्षण की परंपरा।