रंग—बिरंगी छतरियां बनाने का है इतिहास।

भुवनेश्वर से लगभग 26किलोमीटर की दूरी पर है पिपली गांव।
यदि आप रंग बिरंगे कपड़ों के पैच वर्क में रुचि रखते हैं तो ये जगह आपके लिए खास होगी।
इस गांव का है लंबा इतिहास, बारहवीं शताब्दी से। यहां के हस्तकला में पारंगत कारीगर वार्षिक ” जगन्नाथ रथ यात्रा ” के लिए रंग बिरंगी विशाल छतरियों को तैयार करते रहें हैं। राजाओं की आवश्यकताओं के अनुरूप रंगीन आकर्षक वस्तुओं का निर्माण… सो राजा ने इन खास कारीगरों के लिए पिपली गांव को बसाया।
ये जगह स्थानीय के लिए मुखर है.. वोकल फॉर लोकल..
रंगविरेंगे लैंप शेड,चादरें, पर्स, छतरियां, वॉल हैंगिंग आदि आदि बहुत सारे आकर्षक उपहार…
ओडिशा पर्यटन डायरी।।


Tags:
No tags found