पौड़ी में यह होम स्टे भी है खास।

पौड़ी को हम देखते कई बार है पर महसूस नहीं करते। क्योंकि अभी हमने पौड़ी के उस हिस्से को स्पर्श नहीं किया। हर स्थान का हृदय टटोलने के लिए उसकी संस्कृति और विरासत को समझना बड़ा आवश्यक होता है। और इस प्रकिया बड़े सहायक होते है कुछ संस्कृति और विरासत के वाहक। ऐसे ही संस्कृति वाहक है पौड़ी में श्री अनुरूद्ध रावत जी। गुजरात में अपने जमे जमाये व्यवसाय से समय निकालकर उन्होंने अपनी विरासत के प्रोत्साहन और पर्यटन के माध्यम से प्रसारित करने के लिए एक खूबसूरत होमस्टे शुरू किया है। साल 1931 में उनके दादा जी श्री श्याम सिंह रावत जी ने इस खूबसूरत घर की नींव रखी थी, जो ब्रिटिश शासन के दौरान तहसीलदार पद पर तैनात थे। आज भी  स्थानीय लोग उनको गट्टी तहसीलदार के नाम से याद करते है। श्री रावत जी ने इस विरासत के वास्तविक अनुभव बनाए रखने का पूरा प्रयास किया है। कुछ आवश्यक बदलाव के अतिरिक्त इस होमस्टे में कोई विशेष परिवर्तन नहीं किया गया है। रावत जी भविष्य में मेहमानों को अपनी संस्कृति और विरासत के अनुभव को वास्तविक बनाने के लिए प्रयासरत है।
सैर सलीका की तरफ से उनके इस बेहतरीन प्रयास के लिए शुभकामनायें।

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