आकृर्षित करता है यहॉ कां सूर्योदय और सूर्यास्त ।

बिनसर से सूर्योदय और सूर्योस्त के दृश्य दर्शनीय और मन को मोह देने वाले होते हैं।

सैर with सर्वेश :  रात के समय पहाड़ों की ऊंचाई से दूर—दूर तक कुमाऊॅ क्षेत्र की टिमटिमाती रोशनी की भव्य छटा अविस्मरणीय होती है। चांदनी रात में बिनसर से दिखने वाला क्षेत्र धवल चांदनी में तैरता सा नजर आता है। अल्मोड़ा से लगभग 33 किमी की यात्रा तय करने तक हर पल प्रकृति के अनूठे सौदर्य का बोध होता है और आखिरकार सैलानी बिनसर की पहाड़ी पर होते हैं। यह पूरा क्षेत्र वन्य अभ्यारण्य है। जंगलों की छांव में वन्य जीवन स्वच्छ और आनन्दित होते हुए विचरण करते दिख जाएंगे। पहाड़ी पक्षियों के सुनहरे संसार को जानने के लिए यह सबसे सुंदर क्षेत्र है। देवदार वृक्षों की महक जहॉ एक ओर वातावरण को सुगन्धित बनाती है तो वहीं बिनसर पहाड़ से केदारनाथ,बदरीनाथ,त्रिशूल और नंदादेवी हिमशिखरों के भव्य दर्शन अलौकिक आभास प्रदान करता है। एकदम स्वच्छ वातावरण में तितलियों एवं परिंदों का स्वच्छन्द विचरण इस बात का आभास है कि हमारी नजरें प्रदूषण से दूर कहीं स्वच्छ परिवेश एवं सौन्दर्य को निहार रही है। बिनसर अभ्यारण्य क्षेत्र में प्रवेश करने वाला प्रवेश द्वार बिनसर से लगभग 12 किमी पूर्व में है। यहॉ से संकरी सड़क पहाड़ी से लिपटती हुई बिनसर तक पहुंचाती है। सम्पूर्ण यात्रा रोमांचकारी अनुभूति प्रदान करती है।


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