मनमोहक पंवालीकांठा फूलों की घाटी।

विस्तृत घाटियों में मखमली घास के गलीचे,पुष्पों की महक से महकता आंगन, हिमालयी श्रृंखलाओं की दीवारें,जंगलों की मनमोहक तस्वीरें और नीले आकाश की छत के नीचे सैकड़ों प्रकार के फूलों की मौजूदगी है पंवाली कांठा। टिहरी गढ़वाल जनपद में एक सुदर घाटी है, भिलंगना घाटी। इस घाटी में भिलंगना नदी बहती है। खतलिंग ग्लेशियर से निकलकर भिलंगना टिहरी में भागीरथी नदी में मिल जाती है। पंवालीकांठा से दूर—दूर तक फैले इन बुग्यालों तथा फूलों की घाटियों के दृश्यावलोकन में ही आंखें व्यस्त रहती हैं। इसी व्यस्तता के बीच धवल हिमशिखरों की एक विस्तृत हिम श्रृंखला आंखों को चकाचौंध कर देती है। द्रोपदी का डांडा,जोगिन,थलेसागर,मेरू,सुमेरू,स्फटिक,चौखम्बा,नीलकंठ,बंदरपूंछ आदि हिमशिखरों के दृश्य मन में उत्साह भर देते हैं। भांति—भांति के फूल बुग्यालों तथा उनके ढलानों पर फैले हैं। औषधियुक्त वनस्पतियां भी पूरे क्षेत्र में पुष्पित पल्लवित होती हैं। सारांश रूप में कहा जा सकता है कि पंवालीकांठा हि​मशिखरों,वनसम्पदा,फूलों,औषधियुक्त वनस्पतियों तथा समृद्ध वन्य जीवन की रंगशाला है।


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